Romantic Ghazal -आँखें उनकी है मयखाने

आँखें उनकी है मयखाने ( Aankhen Unki Hai Mainkhane )     आँखें उनकी है मयखाने। ओठ लगे जैसे पैमाने।।   गालों की रंगत है ऐसी। लाल -गुलाबी रँग मस्ताने।।   थाम दिलों को रह जाते है। जब लगते जुल्फ़े बिखराने।।   ढांप कभी आंचल से सर को। लगते मन ही मन शर्माने।।   घायल … Continue reading Romantic Ghazal -आँखें उनकी है मयखाने