आँसू | Aansoo par kavita

आँसू! ( Aansoo )   हजारों किस्म के देखो होते हैं आँसू , जुदाई में भी देखो गिरते हैं आँसू। तरसते हैं जवाँ फूल छूने को होंठ, ऐसे हालात में भी टपकते हैं आँसू। बहुत याद आती है दुनिया में जिसकी, आँखों से तब छलक पड़ते हैं आंसू। तबाही का मंजर जब देखती हैं आँखें, … Continue reading आँसू | Aansoo par kavita