आप कहके मुकर जाइये। Poem on mukar jaiye

आप कहके मुकर जाइये ( Aap kahke mukar jaiye )      अब इधर न उधर जाइये। आप दिल में उतर जाइये।।   आईना भी जले देखकर, इस कदर न संवर जाइये।।   हमको अच्छा लगेगा बहुत, आप कहके मुकर जाइये।।   आखिरी इल्तिजा आपसे, मेरे घर से गुज़र जाइये।।   गांव है शेष भोले … Continue reading आप कहके मुकर जाइये। Poem on mukar jaiye