दिकु, अब लौट भी आओ

दिकु, अब लौट भी आओ तू दूर गई तो साँसें भी रूठ गई हैं,आँखों की दुनिया वीरान होकर छूट गई हैं।तेरे बिना ये दिल बेज़ार सा है,हर लम्हा मेरा जैसे अंधकार सा है। हवा से कहूँ या बादलों से बोलूँ,तेरी यादों का किस्सा, मैं किस किस से तोलूँ?राहों में बैठा तेरा इंतज़ार करता हूँ,तू लौट … Continue reading दिकु, अब लौट भी आओ