अभी है वक्त | Abhi Hai Waqt

अभी है वक्त ( Abhi hai waqt )   खौल उठना है खून ,जब देती है दिखाई नग्न ता वह सोच की हो या परिधान की या हो डूबती संस्कृति और सभ्यता पुरखों से मिली धरोहर को निगल रही यह आधुनिकता पुरुषत्व हीन हो रही नव पीढ़ी गांजा चरस अफीम की विविधता शर्म , लाज, … Continue reading अभी है वक्त | Abhi Hai Waqt