“अभिलाषा” ( Abhilasha ) चाह बहुत मनमंदिर मे भारत वीरो का गान करूं उनकी त्याग तपस्या का सदा मान सम्मान करूं श्रद्धा सुमन से ईश्वर की निसादिन करूं मैं पूजा भक्ति भाव में जो सुख पाऊं और कहां है दूजा दिल मे ईच्छा गुरु चरणों में बना रहे मेरा ध्यान शून्य ह्रदय … Continue reading अभिलाषा | Abhilasha kavita
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