अदाएं है कातिल जुबां शायराना | Shayrana poetry

अदाएं है कातिल जुबां शायराना। ( Adayein hai katil zuban shayrana )    अदाएं है कातिल जुबां शायराना। यहीं पर मिलेगा ग़ज़ल का ख़ज़ाना।।   है आंखें ये मय सी ये लब है पैमाने। कहीं खुल ना जाए यहां पर मैख़ाना ।।   है खिलते गुलाबों सी गालों पे रंगत। लगे उस पे तिल भी … Continue reading अदाएं है कातिल जुबां शायराना | Shayrana poetry