
अदाएं है कातिल जुबां शायराना।
( Adayein hai katil zuban shayrana )
अदाएं है कातिल जुबां शायराना।
यहीं पर मिलेगा ग़ज़ल का ख़ज़ाना।।
है आंखें ये मय सी ये लब है पैमाने।
कहीं खुल ना जाए यहां पर मैख़ाना ।।
है खिलते गुलाबों सी गालों पे रंगत।
लगे उस पे तिल भी बहुत ही सुहाना।।
फ़साना बनाया मुलाकात का इक।
यूं रूसवा करे ना हमें अब ज़माना।।
दिवाना बनाया अदाओं ने मिलकर।
पङा “कुमार” भारी हमें दिल लगाना।।