अधीर | Adheer

अधीर ( Adheer )   बह जाने दो अश्रु को अपने कुछ तो दिल के छालों को राहत मिलेगी बातों के बोझ को भी क्या ढोना कुछ तो सोचने की मोहलत मिलेगी बांध रखा है फर्ज ने वजूद को उसे खोकर भी जिंदा रहना नहीं है अदायगी के कर्ज को चुकाना भी जरूरी है पथ … Continue reading अधीर | Adheer