अफसाने तेरे नाम के -hindi poems
अफसाने तेरे नाम के मेरी वफा का सिला यही वो मुझपे मरता है मिलता है जब भी जख्म हरा जरूर करताहै जाने कहां से सीखा जीने का यह सलीका कत्ल मेरा काँटे से नहीं वो फूल से करता है। वक्त को रखता हमेशा अपनी निगेहबानी में वो जिनदगी को बडे गुरुर से जीता है … Continue reading अफसाने तेरे नाम के -hindi poems
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