ऐसे बहाने ढूंढता हूं | Ghazal aise bahane dhundhta hoon

ऐसे बहाने ढूंढता हूं ( Aise bahane dhundhta hoon )     वो हंसी आज़म इशारे  ढूंढ़ता हूं! प्यार के ऐसे बहाने ढूंढ़ता हूं   दें रवानी प्यार की ख़ुशबू हमेशा प्यार के ऐसे नजारे ढूंढ़ता हूं   जो हमेशा दें वफ़ाओ का सहारा शहर में ही वो  सहारे ढूंढ़ता हूं   डूबा हूं ऐसा … Continue reading ऐसे बहाने ढूंढता हूं | Ghazal aise bahane dhundhta hoon