अकेला हूँ चले आओ कहां हो | Akela hoon shayari

अकेला हूँ चले आओ कहां हो ( Akela hoon chale aao kahan ho )     अकेला हूँ चले आओ कहां हो! न यूं ही छोड़कर जाओ कहां हो   रवानी नफ़रतों की ख़त्म होगी मुहब्बत बनके छाओं कहाँ हो   तुम्हारे घर आया मिलनें को कोई न इतने भाव यूं खाओ कहां हो   … Continue reading अकेला हूँ चले आओ कहां हो | Akela hoon shayari