अलसायी सी ललचाई सी | Alsai si lalchai si | Kavita
अलसायी सी ललचाई सी ( Alsai si lalchai si ) अलसायी सी ललचाई सी, दंतों से अधर दबायी सी। सकुचाई सी शरमाई सी, मनभाव कई दर्शायी सी। घट केशु खोल मनभायी सी,अकुलाई सी बलखाई सी। चुपचाप मगर नयनों से वो, रस रंग भाव भडकायी सी। थम के चले गजगामिनी सी,सौंदर्य निखर के … Continue reading अलसायी सी ललचाई सी | Alsai si lalchai si | Kavita
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