अमरत्व | Amaratva

अमरत्व ( Amaratva )    माना की बहुत कुछ खो चुका है आपका सालों की मेहनत ,सालों की कमाई बिखर गए हैं , संजते संवरते सपने अपनों की उम्मीदें ..सब कुछ!!! तो क्या!रास्ते यहीं खत्म हो गए हैं !? प्रकृति के विशाल प्रांगण मे खत्म कुछ नही होता दुखी,सुख,उपलब्धियां ,अपने पराए कुछ नही ,कोई नही … Continue reading अमरत्व | Amaratva