अब कोई याद भी नहीं करता | Amit Ahad Poetry
अब कोई याद भी नहीं करता ( Ab koi yaad bhi nahi karta ) वक़्त बर्बाद भी नहीं करता अब कोई याद भी नहीं करता शे’र इतने बुरे हैं क्या मेरे ? कोई इरशाद भी नहीं करता रह न पाऊँ अगर जो ख़ुश मैं तो ख़ुद को नाशाद भी नहीं करता ख़ौफ़ सैय्याद का है … Continue reading अब कोई याद भी नहीं करता | Amit Ahad Poetry
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