Amit Ahad Poetry
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अब कोई याद भी नहीं करता

( Ab koi yaad bhi nahi karta )

 

वक़्त बर्बाद भी नहीं करता
अब कोई याद भी नहीं करता

 

शे’र इतने बुरे हैं क्या मेरे ?
कोई इरशाद भी नहीं करता

 

रह न पाऊँ अगर जो ख़ुश मैं तो
ख़ुद को नाशाद भी नहीं करता

 

ख़ौफ़ सैय्याद का है कुछ ऐसा
कोई फ़रियाद भी नहीं करता

 

मुश्किलों से गुजर के देखा है
कोई इमदाद भी नहीं करता

 

कुछ तो सूरत नहीं है मिलने की
कुछ वो ईज़ाद भी नहीं करता

 

कह रही है ‘अहद’ बदी अब तो
कोई जेहाद भी नहीं करता !

 

☘️

शायर: :अमित ‘अहद’

गाँव+पोस्ट-मुजफ़्फ़राबाद
जिला-सहारनपुर ( उत्तर प्रदेश )
पिन कोड़-247129

 

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