अनकही बातें | Ankahi baatein poetry

अनकही बातें ( Ankahi baatein ) ***** कुछ न कहते हुए भी बहुत कुछ कह जातीं हैं अनकही बातें! सोच सोचकर हम लेते हैं गहरी गहरी सांसें! कुछ तो बात होगी? क्या बात होगी? इस संवादहीनता की! जरूर खास होगी? जो उसने नहीं बताई, हमसे नहीं जताई! बिन कहे छोड़ गई? मुझे रूला गई। इस … Continue reading अनकही बातें | Ankahi baatein poetry