अंतर | Antar

अंतर ( Antar )    निर्वस्त्र कपड़ों मे कैसी दिखती होगी वह मांशल जिस्म उभरे वक्षस्थल कामिनी काया लिए हवस परी सी…. ठीक अनुभव किया तुमने वह वैसी ही थी ,ठीक जिसने तुम्हे पैदा किया जिसने तुम्हे राखी बांधी जिसकी डोली उठी घर से ठीक, उस जैसी ही … क्या फर्क लगा , उस और … Continue reading अंतर | Antar