अपमान | Apman

अपमान ( Apman )   भर जाते हैं जख्म गहरे बदल जाती है वक्त की धारा हो जाते हैं धूमिल यादों के पन्ने किंतु अपमान की लकीरें मिट नहीं पातीं हार जीत, अमीरी गरीबी सभी जुड़े हैं साथ से जीवन के दया करुणा साथ सहयोग के भाव स्वाभिमान की मौत को जिला नहीं पाते एक … Continue reading अपमान | Apman