आषाढ़ के काले बादल | Ashadh ke Kale Badal

आषाढ़ के काले बादल ( Ashadh ke kale badal )    चारों और छाया ये घोर ॲंधेरा, ये प्रकृति की देखों क्या माया। आज नीले- नीले आसमान में, घना ही काला ये बादल छाया।। घड़ड घड़डकर ये बादल गरजे, बादल संग बिजली भी कड़के। गरज रही आज बदली नभ मे, मोर पपीहा भी बोले ये … Continue reading आषाढ़ के काले बादल | Ashadh ke Kale Badal