अश्क़ भी वो गिराने लगते हैं

अश्क़ भी वो गिराने लगते हैं अश्क़ भी वो गिराने लगते हैंदूर जब भी हम जाने लगते हैं बातों में मुस्कराने लगते हैंहम उन्हीं के दीवाने लगते हैं जब कभी मिलते हैं सनम मुझसेतो अदा से रिझाने लगते हैं बात जिस दिन भी हो जाये उनसेदिन वही बस सुहाने लगते हैं याद आती है जब … Continue reading अश्क़ भी वो गिराने लगते हैं