औरों से कैसी बातें…?

औरों से कैसी बातें…? अब आकर तुम्हीं बतादो, हम गीत कहां तक गायें। पाकर एकान्त बहे जो, वे आंसू व्यर्थ न जायें। इस भांति प्रतीक्षा में ही, बीतेगीं कब तक घड़ियां। बिखरेंगी बुझ जायेंगी, आशाओं की फुलझड़ियां। मरुथल में आ पहुंची है, बहती जीवन की धारा। तुम दयासिंधु हो स्वामी, किसका है अन्य सहारा। भौतिक … Continue reading औरों से कैसी बातें…?