बाल सखा हम | Baal Sakha

बाल सखा हम ( Baal sakha hum )    छोड़ो – तोड़ो बंधनों को, आज जीने दो हम दोनों को। बालसखा हम मिलकर, छप्प-छप्पाई मचाएँगे। पानी का गीत गाएंँगे, बूँदों को भी साथ नचाएंँगे। ये हमारे मस्ती भरे रस्ते, किसी की परवाह हम कहांँ करते। बूंँदों में भीगने का आनंद, घर जा कर बताएंँगे । … Continue reading बाल सखा हम | Baal Sakha