बचकर रहना ( Bachkar rahana ) फ़िज़ा की हवाओं में जहर है घुला हुआ सांस भी लेना तो संभलकर फिसलन भरे हैं रास्ते कदम भी रखना तो संभलकर नीयत मे इंसानियत है मरी हुयी जबान पर शराफत है मगर मुश्किल है किसी पर यकीन करना चाहते हो यदि बचकर रहना, तब रिश्ते में बंधना … Continue reading बचकर रहना | Bachkar Rahana
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed