बचपन की बातें | Bachpan par Hindi Poem

बचपन की बातें ( Bachpan ki baatein )    बचपन के वह क्या दिन थें हमारे, हम थें ऐसे वह चमकने वाले तारें। रोने की वज़ह ना हंसने के बहाने, खुशियों के खज़ाने इतने थे प्यारे।। दादा एवं दादी वो नाना एवं नानी, भैया-भाभी पापा-मम्मी ये हमारे। बुआ फूफा फ़िक्र करते थे हमारी, बचपन में … Continue reading बचपन की बातें | Bachpan par Hindi Poem