बचपन | Bachpan

बचपन ( Bachpan )    ना जाने हम कब बडे होगये, माँ पकड़ के उगली चलना सिखाती थी। आज खुद ही चलने के काबिल हो गये, कल हम बच्चे थे, आज ना जाने इतने बड़े हो गये.. परिवार से दूर हो गए दोस्तो से पास हो गये, वो बचपन मेरा था बहुत ही खुबसुरत | … Continue reading बचपन | Bachpan