Badal Poem | बादल

बादल ( Badal )    सांसों की हाला पिलाएगा बादल, उजड़ी दुनिया बसाएगा बादल। स्वागत करेगी प्यासी ये धरती, प्रलय बाढ़ साथ में लाएगा बादल। सूख गई है जो जीवन की डाली, हरी- भरी धरा बनाएगा बादल। अमराई जागेगी बागों में फिर से, अधरों की प्यास बुझाएगा बादल। पट जाएगी फिर ऋतुओं से धरती, डालों … Continue reading Badal Poem | बादल