बड़े भैया | Bade Bhaiya

बड़े भैया ( Bade Bhaiya )   लिख देती हूं हर रोज एक पैगाम , मन के जुड़े तार से, पढ़ लेता है वो मन की बात, और संभाल लेता बड़े प्यार से, कहने को तो बहुत दूर है मुझसे, लेकिन करीब लगता ज्यादा सांसों से, मैंने कभी जो सोचा नहीं सपनों में, बड़े भैया … Continue reading बड़े भैया | Bade Bhaiya