बड़े ख्वाब ( Bade Khwaab ) अक्सर मैंने बड़े हीख्वाब देखे हैं,परन्तु ,बहुत से गुमनामदेखे है,ये भी देखा है,कि कहाँ ईश्वर है,कहाँ फ़कीर खाली है,मैंने उन पदचिन्हों केभी निशान देखे है।किस तरफ रूख करूँ अपना,चलने से पहले सैकड़ों सवालदेखे है।जवाब कहाँ से पाती,कहीं कोई निशान नही उनका,ये समझ आ गयाजिम्मेदारियों तलेसभी ख्वाब टूटते भी देखे … Continue reading बड़े ख्वाब | Bade Khwaab
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed