पापा पढ़ने जाऊंगी | Bal diwas poem in Hindi

पापा पढ़ने जाऊंगी  ( Papa padhne jaungi )   गांव में खुलल आंगनबाड़ी मैं पापा  पढ़ने जाऊंगी तुम पढ़ें नही तो क्या हुआ? मैं पढ़कर तुम्हें पढ़ाऊंगी,   सीख हिन्द की हिंदी भाषा हिन्दुस्तानी कहलाऊंगी अरूणिमा सी बन कर बेटी पापा की नाम बढ़ाऊंगी ,   बेटा से बढ़कर बेटी है यह सिद्ध कर दिखलाऊंगी … Continue reading पापा पढ़ने जाऊंगी | Bal diwas poem in Hindi