संपादकीय बाल विश्व

“हमारी ही मुट्ठी में आकाश सारा। जब भी खुलेगी चमकेगा तारा।।” इन नन्हें- मुन्ने देश के कर्णधारों की मुट्ठी में तारों सी चमकीली ख्वाहिशें बंद है और उन सपनों को उड़ान देने के लिए हम सबके साथ, मार्गदर्शन, सहयोग, स्नेह, अपनत्व की आवश्यकता है। इस अनगढ़ मिट्टी को संस्कारों से गढ़ना है और इस तरह … Continue reading संपादकीय बाल विश्व