Romantic Ghazal | Love Poetry -बन गयी है मेरी आशिक़ी ओस है
बन गयी है मेरी आशिक़ी ओस है ( Ban Gai Meri Aashiqui Oas Hai ) बन गयी है मेरी आशिक़ी ओस है ऐसी बरसी मुझपे चांदनी ओस से तन भिगोया ऐसा ओस ने हुस्न की कर रही दिल मेरा बेकली ओस है इसलिए ताज़गी से भरा है आंगन रोज़ ही ये … Continue reading Romantic Ghazal | Love Poetry -बन गयी है मेरी आशिक़ी ओस है
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