गंगा का बनारस भाग-३ ( Ganga ka Banaras ) मौत न पिए, तेरी साँसें, के पहले तू जा बनारस। हैं धँसे शूल जो तेरे बदन, जाके निकाल उसे बनारस। मत बढ़ा तू दिल का छाला, देगा आशीष वही बनारस। मैली कर न अपनी साँसें, जाके धो ले शहर बनारस। उड़ जाएगा पिंजड़े से बुलबुल, दर्प … Continue reading गंगा का बनारस भाग-३ | Banaras
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