बसन्त ऋतु | Basant ritu par kavita

बसन्त ऋतु ( Basant Ritu )   प्रकृति उत्सव चली मनाने, पीत वसन काया पर है । नव पल्लव की पायल पहने, राग रंग बसा रग रग है।।   पैर धरे न अब धरती पर, लाज शरम सब छूट गयी। ऋतुओं के राजा से मिलने, चूनर धानी ओढ़ गयी।।   बौरों के आभूषण पहने, बौरायी … Continue reading बसन्त ऋतु | Basant ritu par kavita