बसंत | मनहरण घनाक्षरी | Basant ritu par chhand
बसंत हर्षाता खुशियां लाया, सुहाना बसंत आया। बहारें लेकर आया, झूम झूम गाइए। मधुमास मदमाता, उर उमंगे जगाता। वासंती बयार आई, खुशियां मनाइए। पीली सरसों महकी, खिली कलियां चहकी। फूलों पे भंवरे छाए, प्रेम गीत गाइए। प्रीत के तराने छेड़े, मुरली की तान मीठी। मदन मोहन बंसी, मधुर बजाइये। कवि … Continue reading बसंत | मनहरण घनाक्षरी | Basant ritu par chhand
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