बसंत ऋतु के आगमन पर | Basant Ritu par Kavita

बसंत ऋतु के आगमन पर ( Basant ritu ke aagman par )   मदिर से है बसंत, आये हैं जी पाहुने से सखि पिया बिन मोहे, कछु न सुहावत है।। खखरा के पात उड़, उड़ आये द्वारे आज पवन के झौकन भी, जिया को जगावत है।। अमुआ के बौर वाली, वास है सुवास आली महुआ … Continue reading बसंत ऋतु के आगमन पर | Basant Ritu par Kavita