बता दो | Bata Do

बता दो ( Bata Do ) पत्थर दिल तो नहीं हो तुम वह बर्फ भी नहीं हो जो पिघल जाए ताप पाकर बहती प्रवाह मय धारा भी नहीं हो जो कर दे शीतल समीर को तब क्या हो तुम क्या सिर्फ कल्पना मात्र हो मस्तिष्क की या कोई एहसास हो धड़कन की या सिर्फ सपने … Continue reading बता दो | Bata Do