तेरे आने से | Beti ke Janam par Kavita

तेरे आने से ( Tere aane se )    मुंह टेढ़ा था नाक सिकुड़ी थी मन गिरा गिरा कर सब उदास खड़े थे,     तेरे आने से। पता नहीं क्यों इतना नफरत तुमसे! नाखुश हो जाते हैं भार सा लद जाता है,   तेरे आने से। समाज भी सम्मान नहीं करता मां बाप का … Continue reading तेरे आने से | Beti ke Janam par Kavita