भाई-दूज ( Bhai-dooj ) ( 2 ) बहन इक भाई के जीवन में रिश्ते कई निभाती है, बन के साया मां की तरह हर विपदा से बचाती है, कभी हमराज़ बन उसके राज़ दिल में छिपाती है, जुगनू बनके अंधेरों में सफ़र आसां बनाती है !! बहन जब भाई के मस्तक तिलक काढ़ती है तो, … Continue reading भाई दूज | Bhai Dooj
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