भोर होने तक | Bhor Hone Tak

भोर होने तक ( Bhor Hone Tak )   भोर तक तो चलना होगा रुकना और ठहरना होगा सफर है हमारी जिंदगी का लडखडाना और संभलना होगा हर मौसम के साथ रहना होगा हर मोड़ से हमें गुजरना होगा होंगे कईयों से गिले शिकवे भी सब में समझाना और समझना होगा धूप और छांव जरूरी … Continue reading भोर होने तक | Bhor Hone Tak