ब्राह्मण और केकड़ा : साथी चाहे दुर्बल ही हो उसे कम न आंके
ब्राह्मण और केकड़ा : साथी चाहे दुर्बल ही हो उसे कम न आंके ( पंचतंत्र की कहानियां ) ( Panchtantra Ki Kahani : Brahaman Or Kekra ) बहुत साल पहले की बात है। पहले एक गांव में ब्रह्म देव नाम का एक गरीब ब्राह्मण रहता था। वह दूर दूर गाँवों में जाकर भिक्षा मांगता … Continue reading ब्राह्मण और केकड़ा : साथी चाहे दुर्बल ही हो उसे कम न आंके
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