बुरा क्यूँ मानूँ | Poem bura kyon manu

बुरा क्यूँ मानूँ ( Bura kyon manu )   तुम मुझसे बात करना नहीं चाहते तो मैं बुरा क्यूँ मानूँ……..     तुम मुझसे मिलना नहीं चाहते हो तो मैं बुरा क्यूँ मानूँ……..   तुम मुझसे ख़फ़ा रहना चाहते हो तो भी मैं बुरा क्यूँ मानूँ……..   तुम मुझसे दूर होना चाहते हो तो मैं … Continue reading बुरा क्यूँ मानूँ | Poem bura kyon manu