चाहें तुमसे भी बतियाना | Chahe tumse bhi batiyana | Kavita
चाहें तुमसे भी बतियाना ( Chahe tumse bhi batiyana ) नये पौधों को पानी देकर, बूढ़े बरगद को भी जाना । बूढ़े है वो अपने घर के, चाहें तुमसे भी बतियाना ।। माना कि अब फल ना देंगे,पर अनुभव की खान है बूढ़े तेरी जो हस्ती है आज, उसकी ही पहचान है बूढ़े … Continue reading चाहें तुमसे भी बतियाना | Chahe tumse bhi batiyana | Kavita
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed