चाहें तुमसे भी बतियाना | Chahe tumse bhi batiyana | Kavita

चाहें तुमसे भी बतियाना ( Chahe tumse bhi batiyana )   नये पौधों को पानी देकर, बूढ़े बरगद को भी जाना । बूढ़े है वो अपने घर के, चाहें तुमसे भी बतियाना ।।   माना कि अब फल ना देंगे,पर अनुभव की खान है बूढ़े तेरी जो हस्ती है आज, उसकी ही पहचान है बूढ़े … Continue reading चाहें तुमसे भी बतियाना | Chahe tumse bhi batiyana | Kavita