चंचल चोर ( Chanchal chor ) श्याम सुंदर, मुरली मनोहर, तू बड़ा चंचल चोर है। कटि कारी करधन है पड़ी, शीर्ष उसके पंखमोर है। टोली में हर घर में घुसे, माखन, दही खाता चुरा, मटकी में कुछ बचता नही, चारो तरफ ये शोर है।। मुरली मधुर मदमस्त बाजे, कालिंदी के तीर पर। आभा अद्भुत … Continue reading चंचल चोर | Chanchal Chor
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