Hindi Ghazal -चंद बुलबुले जो देखते हो पानी में तुम
चंद बुलबुले जो देखते हो पानी में तुम ( Chand Bulbule Jo Dekhte Ho Pani Mein Tum ) दो घडी रुककर घाव सहलाने लगे हम यूँ भी दर्द अपना भुलाने लगे तुम जो राहो में मेरी बिछाते हो शूल दामन फूलो से तुम्हारा महकाने लगे किस्मत में था इन्तेजार वही मैं करती … Continue reading Hindi Ghazal -चंद बुलबुले जो देखते हो पानी में तुम
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