चाँद की आधी रात | Chand ki Aadhi Raat

चाँद की आधी रात ( Chand ki aadhi raat )    शरद की पूर्णिमा की रात में, पूरे चाँद की आधी रात में, एक मीठी-सी कविता, अपने पूरे मन से बने, हमारे किसी अधूरे रिश्तों के नाम, लिख रहीं हूँ। चंद्रमा की चमकीली रात, इस सर्दीली रात में, तुम मेरे साथ नही हो, लेकिन– रेशमी … Continue reading चाँद की आधी रात | Chand ki Aadhi Raat