Hindi Kavita | चार लाइनें

हास्य चिकोटी अपने लबों को दांतो से दबाना छोड़ दो, तुम मादक अदाओं से लुभाना छोड़ दो, हसरते तो हम भी पूरी कर देंगे तुम्हारी, अगर तुम तम्बाकू खैनी चबाना छोड़ दो !! ! डी के निवातिया —0— घायल मन घायल मन से रक्त बिन्दुओं को, अब तो बह जाने दो। मुक्तिमार्ग के पथ पर … Continue reading Hindi Kavita | चार लाइनें