वो नन्ही सी चींटी | Cheenti par kavita
वो नन्ही सी चींटी ( Wo nanhi si cheenti ) एक ना एक दिन ज़रूर आता है चींटी का भी वक्त, हिला देती है वो नन्हीं सी चींटी ताज और ये तख्त। समय पलटते देर न लगता किसी का भी उस वक्त, परेशानियां दूरी बना लेती चाहे वह हो बहुत सख़्त।। वो परमपिता सभी … Continue reading वो नन्ही सी चींटी | Cheenti par kavita
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