चेहरा तुम्हारा | Chehra Tumhara
चेहरा तुम्हारा ( Chehra Tumhara ) बहुत ख़ूबसूरत है चेहरा तुम्हारा।निगाहों की जन्नत है चेहरा तुम्हारा। ये गुस्ताख़ नज़रें,यह क़ातिल तबस्सुम।फिर उस पर तुम्हारा यह तर्ज़-ए-तकल्लुम।यक़ीं तुमको आए न आए यह सच है।सरापा क़यामत है चेहरा तुम्हारा।निगाहों की जन्नत है चेहरा तुम्हारा। नहीं कोई गुल ऐसा दुनिया में दिलबर।नज़र तुम ही आते हो हर शय … Continue reading चेहरा तुम्हारा | Chehra Tumhara
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